
हमे कहना होगा कि हम एक आधुनिक, लोकतांत्रिक, तकनीकी व वैज्ञानिक युग में जी रहे हैं पर हम अबतक नया इतिहास बनाने वाली इमारत नहीं तैयार कर पाये। इसमे कभी भ्रष्टाचार आड़ें आता है तो कभी निर्माण तकनीक की खामी उभरती है तो कभी राजनीतिज्ञों की नापाक शैली आड़े आती है।