बजट में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की झलक
डॉ0 प्रदीप कुमार, डीन एवं प्रो0 ऑफ इक्नोमिक्स
एन.आई.आई.एल.एम. यूनिवर्सिटी कैथल हरियाणा
सन् 2024-25 का बजट विकसित अर्थव्यवस्था की आधारषीला की झलक प्रस्तुत करता है। इस 48.21 लाख करोड़ रूपये के बजट में विकसित भारत हेतु 9 प्राथमिकताओं को महत्व दिया गया है जैसेः- कृषि में उत्पादकता, रोजगार और कौषल प्रषिक्षण, समावेषी मानव संसाधन विकास व सामाजिक न्याय, विनिर्माण व सेवाएं, उर्जा सुरक्षा, आधारभूत ढ़ाचा, नवाचार, अनुसंधान विकास और नई पीढ़ी के सुधार। इस प्रकार इस बजट में प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक सभी क्षेत्रों के विकास की तस्वीर दृष्टिगोचर होती है ऐसा निम्न तथ्यों से प्रतीत होता है।
कृषिः- कृषि एवं सहायक क्रियाओं के लिए 1.52 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है। इसके अन्तर्गत एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में सहायता प्रदान की जायेगी तथा 32 फसलों की नई 109 किस्में लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही 1000 बायो रिसर्च सैंटर खोले जायेगें। परन्तु प्राकृतिक खेती जैसे कि आर्गेनिक फार्मिंग तभी सफल होगी जब किसानों को ऐसी फसलो के उचित दाम प्राप्त होगें अर्थात उन्हें इस प्रकार की खेती से लाभ होगा तभी वे ऐसी खेती करना चाहेगें। ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है। परन्तु इसके लिए ग्रामीण स्तर पर बड़े पैमाने पर ओधौगिकरण की आवष्यता है ताकि खाली समय में श्रमिकों को रोजगार में लगाया जा सके तथा किसानों की आय दुगुनी हो सके।
उधोगः- एम.एस.एम.ई. को बढ़ावा देने के लिए ऋण के लिए 100 करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है। मुद्रा ऋण सीमा 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 20 लाख रूपये कर दी गई है। कारोबार की सीमा 500 करोड़ रूपये से 50 प्रतिषत कम करके अर्थात 250 करोड़ रूपये कर दी गई है। 12 औधोगिक पार्क बनाने का भी प्रावधान रखा गया है। एंेजल कर समाप्त कर दिया गया है इससे स्टार्टअप को लाभ प्राप्त होगा। इसके साथ ही पी0पी0पी0 मोड में ई-कमर्स एक्सपोर्ट हब तैयार किये जायेगें। परन्तु लघु उधोग तभी सफल होगें जब ऐसे उधोगों की निरंतर मोनिटरिंग होती रहे तथा बैंक अधिकारी को जानकारी प्राप्त होती रहे कि मुद्रा लोन का उचित प्रयोग हो रहा है।
इन्फ्रास्कचरः- इन्फ्रास्कचर के लिए 11 लाख करोड़ रूपये व्यय का प्रावधान रखा गया है इसमें विषेष रूप से अमृतसर, कोलकाता, इन्कनोमिक कोलिडोर पर बोद्धगया में उधोगिक केन्द्र विकसित होगा। पष्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार तथा झारखंड के लिए पूर्वोदय योजना होगी। परन्तु ऐसे दीर्घकालीन परियोजनाओं के लिए समय सीमा निर्धारित कर देनी चाहिए अन्यथा व्यय बढ़ने के संकेत मिलते है तथा अर्थव्यवस्था पर अधिक बोझ पड़ता है।
प्रत्यक्ष विदेषी निवेषः- विदेषी कम्पनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स की दर 40 प्रतिषत से कम करके 35 प्रतिषत कर दी गई है। परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष विदेषी निवेष में वृद्धि की सम्भावना रहेगी। इसके साथ ही विभिन्न सुविधाएं प्रदान करके एफ.डी.आई. को ओर अधिक आकर्षित किया जा सकता है।
युवा रोजगारः- अगले पॉंच वर्षो में देष की 500 शीर्ष कम्पनियों में 1 करोड़ युवाओं को इनटर्नषिप का सुअवसर प्राप्त होगा तथा हर महीने 5000/- रूपये भत्ता प्राप्त होगा। इसके साथ ही एक मुष्त 6000/- की राषि सहायता के रूप में दी जायेगी। इस प्रकार 2 लाख करोड़ रूपये से 4.1 करोड़ नये अवसर प्रदान होगें तथा 20 लाख युवाओं को 5 वर्षो में कौषल प्रषिक्षण दिया जायेगा।
घरेलु बचतः- इस बार सरकार ने मध्यम वर्ग की ओर भी ध्यान दिया है। नई कर व्यवस्था के अन्तर्गत 3 लाख रूपये की आय तक शून्य परन्तु 3 से 7 लाख की आय पर 5 प्रतिषत, 7 से 10 लाख की आय पर 10 प्रतिषत और 10 से 12 लाख की आय पर 15 प्रतिषत शेष आयकर के दो स्लैब यथावथ रहेगें। स्टैंडर्ड डिडकषन 50 हजार से 75 हजार रूपये होने पर 7.75 लाख रूपये पर कर नहीं देना पड़ेगा। इससे 17500/- रूपये की बचत होगी अर्थात कर योग्य आय कम हो जायेगी परन्तु प्रयोज्य आय बढ़ जायेगी। इस प्रकार घरेलु बचतों में वृद्धि होगी। वास्तव में सरकार ने आंतरिक पूंजीगत संसाधनों के एकत्रीकरण पर कुछ हद तक जोर दिया है जोकि अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।
आर्थिक विकास के साथ सामाजिक सेवाओं मंे सरकार ने विषेष प्रावधान किये है जैसेः-
स्वास्थयः- स्वास्थय के क्षेत्र में कैंसर की तीन द1वाईयों पर से कस्टम डयूटी हटा दी गई है परिणामस्वरूप इस बीमारी का ईलाज सस्ता हो जायेगा। परन्तु इसके साथ ही हैल्थ इन्फ्रास्टकचर को मजबूत करने की आवष्यकता है ताकि सभी के लिए स्वास्थय का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकें।
षिक्षाः- उच्च षिक्षा के लिए 10 लाख रूपये तक का ऋण दिया जायेगा तथा ऋण पर 3 प्रतिषत का ब्याज अनुदान दिया जायेगा। इसके लिए हर वर्ष एक लाख छात्रों को ई-वाउचर्स दिये जायेगें। इस प्रकार मॉडल स्कील ऋण योजना में संषोधन किया जायेगा। इसी के साथ ही राष्ट्रीय षिक्षा नीति 2020 को सफल बनाने के लिए आवष्यक है कि स्कूल, कॉलेज तथा विष्वविधालय स्तर पर स्किल डबैलपमैंट सैंटर खोले जाने चाहिये ताकि विधार्थी अपनी इच्छा अनुसार स्किल सीख कर रोजगार प्राप्त कर सके।
आवासः- मध्यमवर्गीय लोगों के लिए शहरी गरीब योजना के अन्तर्गत एक करोड़ आवास प्रदान किये जायेगंे। इसके लिए सस्ती दरों पर ऋण दिया जायेगा तथा ब्याज सब्बसीडी भी दी जायेगी। परन्तु यह आवास सुविधाएॅं बड़े पैमाने पर दी जानी चाहिये ताकि अन्य निर्धन लोग भी इस योजना का लाभ उठा सके।
सड़कः- प्रधानमंत्री ग्रांम सड़क योजना के चतुर्थ चरण के अन्तर्गत 50 हजार गांवों को 12 मासिक सड़कों से जोड़ा जायेगा। इससे न केवल ग्रामीण विकास होगा अपितु औधोगिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस बजट से प्रतीत होता है कि इस बार सरकार ने बजट में सभी क्षेत्रों का ध्यान रखते हुये बड़े धक्के के सिद्धांत के अनुसार एक बड़े निवेष की ओर फोकस किया है। यदि सरकार विभिन्न योजनाओं को प्रभावपूर्ण ढ़ग से लागू कर लेती है तो भारत उच्च आर्थिक विकास दर को प्राप्त करते हुये पॉंचवी बड़ी अर्थव्यवस्था से तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था को शीघ्र ही प्राप्त करके 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को भी प्राप्त करने में सक्षम होगा।