Economy India

Author : Manohar Manoj

News Digest

कश्मीर युनिवर्सिटी में डाक्टर परदीप कुमार की पुस्तक का विमोचन

Manohar Manoj
कश्मीर युनिवर्सिटी श्रीनगर में सैषन की अध्यक्षता तथा शोध पत्र प्रस्तुति उपरान्त डॉ0 प्रदीप की पुस्तक का विमोचन एन0आई0आई0एल0एम0 युनिवर्सिटी कैथल, हरियाणा के डीन एवं...
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अमृत काल में अर्थव्यवस्था पर इतराने जैसे हालात नहीं

Manohar Manoj
अमृत काल में अर्थव्यवस्था पर इतराने जैसे हालात नहीं आजादी के  पिचहत्तरवें  साल के  इस  अमृत वर्ष में  देश की तमाम व्यवथाओ का एक विहंगम जायजा लेने के क्रम में जब हम अपनी अर्थव्यवस्था पर नजर डालते हैं तो इस कालखंड  में एक गहरी विभाजन रेखा दिखाई पड़ती है । यह विभाजन रेखा है   वर्ष   1991 में शुरू हुई नयी आर्थिक नीति की। यानी भारतीय अर्थव्यवस्था के  पिछले  पिचहत्तर साल के  काल को एक तो  1991  के पूर्व के  काल और दूसरा  1991 के बाद के  काल के रूप में जाना जा सकता है ।  1991   के पूर्व का काल जहां साम्यवादी व समाजवादी नीतियों विचारधाराओंं और कार्यक्रमों से प्रभावित और संचालित था वही  1991   के बाद का काल बाजारीकरण, उदारीकरण, निजीकरण व भूमंडलीकरण के चौपाए पर ज्यादा निवेश, ज्यादा विकास दर, ज्यादा राजस्व और कल्याणकारी कार्यक्रमों  पर ज्यादा सरकारी बजट आबंटन  की नीतियों से प्रभावित था। कहना होगा कि आजादी के बाद ना केवल विचारधारा के समकालीन परिवेश और फैशन की वजह से बल्कि देश की आर्थिक परिस्थितियों और जरूरतों के हिसाब से सरकार प्रायोजित नियोजित व्यवस्था का प्रादूर्र्भाव हुआ। यह एक ऐसी व्यवस्था थी जिसमें सरकारी विभाग, सरकारी उपक्रम, सरकारी योजना, सरकारी निवेश, सार्वजनिक निर्माण व उत्पादन व सार्वजनिक वितरण प्रणाली का ही बोलबाला था।उस समय ये ...
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वर्ल्ड कप के फाइनल में हमारी हार

Manohar Manoj
https://youtu.be/MTpy2OlcL6s?si=ZUGijRlkHLRZXudO वर्ल्ड कप के फाइनल में हमारी हार इसलिए हुई क्योंकि हम जीत हासिल करने पहले ही आत्म प्रवंचना की हाइट पर चले गए। एक...