नई पीढ़ी के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना अति आवश्यक : सुमिता दत्ता
नई दिल्ली ( रिपोर्ट : टी एन भारती) भारत की संस्कृति को लोकप्रिय बनाने का एक मात्र साधन विभिन्न प्रकार की भाषाई कलाकृतिक रचनाऐ है। भारत देश मे हिंदी उर्दू साहित्य मे महान कवियो की रचनाए तथा गायिकी प्रस्तूत करने हेतू भारतीय विद्या भवन तथा इन्फोसिस फाउन्डेशन की ओर से सात दिवसीय कार्यक्रम रेनबो फेस्टिवल का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर मुंशी मेमोरियल हाल भारतीय विद्या भवन नई दिल्ली मे प्रसिद्ध गजल गायिका सुमिता दत्ता ने मधुर आवाज मे मिर्जा गालिब, शकील बदायूनी, फैज अहमद फैज के अतिरिक्त सूफी शायर अमीर खुसरू तथा बुल्ले शाह का कलाम पेश किया।
उन्होने कहा कि गालिब की गजल का इंतिखाब महत्वपूर्ण है क्यो कि गालिब महान शायर है तथा युवा पीढ़ी गालिब को बहुत पसंद करती है। संगीतमय कार्यक्रम मे तबला वादक सलीम अहमद , सारंगी वादक कमाल अहमद और हार्मोनियम वादक सलामत अली ने चार चांद लगा दिए।
कार्यक्रम के अंत मे SPIC MACAY Society की केंद्रीय सलाहकार तथा विदेशी समन्वयक नीरजा सरीन ने गजल गायिका सुमिता दत्ता तथा साजिंदो सलीम अहमद , कमाल अहमद और सलामत अली को शाल तथा मोमेंटो से सम्मानित किया।
कार्यक्रम का संचालन सुमित गुलाठी ने किया । बड़ी संख्या मे युवा छात्र छात्राए उपस्थित रहे।
बुजूर्ग महिलाओ तथा पुरुषो ने भी दर्शक के रूप मे शामिल हुए।