उर्दू प्रेम और हर्ष व उल्लास की भाषा : आई ए एस पवन कुमार
नई दिल्ली ( रिपोर्ट: टी एन भारती ) पैन फाउंडेशन की ओर से तसमिया सभागार ओखला मे डाक्टर सैय्यद फारूक ( हिमालय ड्रग्स ) के प्रावधान मे प्रसिद्ध शायर डाक्टर एम आर कासमी तथा अहमद अल्वी को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया हुआ इस अवसर पर मुख्य अतिथि आई ए एस पवन कुमार ने कहा कि उर्दू भाषा प्रेम व उल्लास को प्रकट करती । डाक्टर फारूक के द्वारा संस्थापित तसमिया सभागार इल्म का खजाना है । सभा मे उपस्थित सभी दर्शक दीपक के समान है ।
पैन फाउंडेशन के संरक्षक डाक्टर सैय्यद फारूक ने कहा कि उर्दू के लेखक और कवि को उर्दू के ठीक उच्चारण की ओर ध्यान देना अति आवश्यक है । सही उच्चारण से ही भाषा को व्यक्त किया जा सकता है ।
पैन फाउंडेशन के संस्थापक आसिफ ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कवि अपने फन का उस्ताद होता है । डॉक्टर एम आर कासमी और अहमद अल्वी उर्दू साहित्य के प्रसिद्ध शायर है ।
इस कार्यक्रम का संचालन उर्दू पत्रकार मोइन शादाब ने किया ।बडी संख्या मे दर्शक कार्यक्रम मे उपस्थित हुए।
आई ए एस पवन कुमार, डाक्टर सैय्यद फारूक , आलोक अविरल, अनजु सिंह, असद रजा , कर्नल संजय चतुर्वेदी , मोइन शादाब , रंजीता फलक , फारूक अरगली , डाक्टर एम आर कासमी , आदि शायरो ने अपना कलाम सुना कर दर्शको का मन मोह लिया।
कुछ शेर आप के लिए प्रस्तुत है :
आप की सलतनत मे कुछ गुजर मेरा भी है
है फलक पर आप का हक मेरा भी है ।
( आई ए एस पवन कुमार)
इतने चुप है के सभी पूछते है दोस्त मेरे
कौन सी बात है जो दिल पे लगा रखी है ।
( अनजू सिह )
नादा ही भरते है फीस वकीलो की
दानिशमनद तो सीधा जज कर लेते है
(अहमद अल्वी )
हाथ खाली सही लौट कर आ गए
हम को इतना सकू है के घर आ गए
( कर्नल संजय चतुर्वेदी )
कल से हो गा यहा नया सवेरा अब
रात यह आज आखरी हो गो ।
(आलोक अविरल )
अल्लाह ने बख्शा है जन्नत सा वतन हम को
होशियार चमन वालो दोजख ना बना देना ।
( डाक्टर सैय्यद फारूक)
दोस्ती दो रूखी दुश्मनी दो रूखी
है तेरे शहर मै जिन्दगी दो रूखी ।
( असद रजा)
डाक्टर सैय्यद फारूक